---भाग 3 का शेष...
19 सरगोठ-जिला नागौर, इकेवड़ी ताजीम, कुरब हाथ, गांव सवा आठ, रेख 22500 गोयन्ददासोत
मेड़तिया।
20. कुड़ल-जिला पाली, इकेवड़ी ताजीम, कुरब हाथ, गांव 6, रेख 16500 रु.।
चांदावत मेड़तिया।
22. सबलपुर-जिला नागौर, इकेवड़ी ताजीम, तीसरे दर्जे के अदालती अधिकार, गांव 5, रेख 18250,
कुरब हाथ। केशोदासोत मेड़तिया। 23. बेरी-जिला नागौर, दोवड़ी ताजीम, कुरब हाथ,गांव 10/12, रेख 29244 रु.मेड़तिया।
11. बलुन्दा-जिला पाली, गाँव साढ़ेसात, कुरब हाथ, दोवड़ी ताजीम, अव्वल अदालती अधिकार,
रेख 19375 रु.। चाँदावत मेड़तिया।
12. मोंडा-जिला नागौर, गाँव 181/2 कुरब हाथ दोवड़ी ताजीम, अव्वल अदालती अधिकार
रेख 34803 रु.। रूघनाथसिंघोत मेड़तिया।
रेख 19375 रु.। चाँदावत मेड़तिया।
12. मोंडा-जिला नागौर, गाँव 181/2 कुरब हाथ दोवड़ी ताजीम, अव्वल अदालती अधिकार
रेख 34803 रु.। रूघनाथसिंघोत मेड़तिया।
13. बोरावड़-जिला नागौर,इकेवड़ी ताजीमगांव4, रेख 13000 रु.। केशोदासोत मेड़तिया।
14. पाँचवा-जिला नागौर,गांव 18 कुरब हाथ,दोवड़ी ताजीमरेख26000 रु.। गोयन्ददासोत मेड़तिया।
15. पाँचोता (पानाशक्तिसिंह) -जिला नागौर, इकेवड़ी ताजीम, कुरब हाथ,रेख 13385 रु. गांव
पौने सात। गोयन्द दासोत मेड़तिया। 16. पाँचोत(पाना उम्मेदसिंह) -जिला नागौर, दोवड़ी ताजीम, कुरब हाथ, गांव सवा नौ,
रेख 22375 रु.। गोयन्ददासोत मेड़तिया।
पौने सात। गोयन्द दासोत मेड़तिया।
रेख 22375 रु.। गोयन्ददासोत मेड़तिया।
17. चाँदारूण-जिला नागौर, दोवड़ी ताजीम, कुरब हाथ,गांव6, रेख 9850 रु.। माधोदासोत मेड़तिया।
18. बरकाना-जिला पाली, कुरब हाथ जागीर इकेवड़ी रेख 10000 रु. गांव 91 गोपीनाथोत मेड़तिया।
मेड़तिया।
चांदावत मेड़तिया।
21. मनाणा-जिला नागौर, दोवड़ी ताजीम, गांव 8, रेख26700 रु.
कुरब हाथ। मेड़तिया।
कुरब हाथ। मेड़तिया।
22. सबलपुर-जिला नागौर, इकेवड़ी ताजीम, तीसरे दर्जे के अदालती अधिकार, गांव 5, रेख 18250,
कुरब हाथ। केशोदासोत मेड़तिया।
24. दोबड़ी बड़ी-जिला नागौर। महाराजा अजीतसिंह ने जोधपुर पर अधिकार के बाद श्री
जगराम माधवदासीत को यह जागीरप्रदान की। जोधपुर महाराजा हनुवन्तसिंह ने ताजीम व
सोना प्रदान कर ठाकुर सवाईसिंह जी दोबड़ी को सम्मानित किया। माधोदासोत मेड़तिया
ठिकाना है।
जगराम माधवदासीत को यह जागीरप्रदान की। जोधपुर महाराजा हनुवन्तसिंह ने ताजीम व
सोना प्रदान कर ठाकुर सवाईसिंह जी दोबड़ी को सम्मानित किया। माधोदासोत मेड़तिया
ठिकाना है।
25. रायण-जिला नागौर,रेख 14000 रु.कुरब हाथ,इकेवड़ी ताजीम । रायमलोत मेड़तिया।
32. सरनावड़ा-जिला नागौर, गाँव पौने चार, कुरब बांह, इकेवड़ी ताजीम, रेख 10600 गोयन्ददासीत
मेड़तिया।
26.सेवरिया-जिला पाली, कुरब बांह, गाँव 4, ताजीम इकेवड़ी ताजीम,रेख 10875 रु.
चाँदावत मेड़तिया।
चाँदावत मेड़तिया।
27. सुमेल-जिला नागौर, गाँव 7, कुरब बांह, ताजीम इकेवड़ी,रेख 14000 रु.ईशरदासोत मेड़तिया।
28. मंगलाणा-जिला नागौर, गाँव 7, कुरब बांह, ताजीम इकेवड़ी, रेख 12625.50 रु. गोयन्ददासोत। 28. बाजोली-जिला नागौर,गाँव2, कुरब बांह,इकेवड़ी ताजीम,रेख8225 रु.। माधोदासोत मेड़तिया।
29. बिदीयाद-जिला नागौर, गाँव 2, कुरब बांह, इकेवड़ी ताजीम,रेख9000 रु.। सुरताणोत मेडतिया ।
31. रोहंडी-जिला नागौर, गाँव 3, इकेवड़ी, ताजीम कुरब बांह,रेख 10500 रु.। सुरतांणोत मेड़तिया।
32. सरनावड़ा-जिला नागौर, गाँव पौने चार, कुरब बांह, इकेवड़ी ताजीम, रेख 10600 गोयन्ददासीत
मेड़तिया।
33. नवो-जिला नागौर, गाँव साढे तीन, कुरब हाथ, इकेवड़ी ताजीम,रेख 18012 रु.। 34.
धनकोली-जिला नागौर, कुरब बांह, दोवड़ी ताजीम, रेख 7000 रु.। गोयन्ददासोत मेड़तिया।
धनकोली-जिला नागौर, कुरब बांह, दोवड़ी ताजीम, रेख 7000 रु.। गोयन्ददासोत मेड़तिया।
35. तोसीना-जिला नागौर, गाँव 3, कुरब हाथ, ताजीम इकेवड़ी,रेख 9500 रु.। सुरताणोत मेड़तिया।
36. केराप-जिला नागौर, गाँव 3, ताजीम इकेवड़ी,रेख 8500 रु.।
37. भदलिया-जिला नागौर, गाँव 4, कुरब बांह, ताजीम इकेवड़ी, रेख 13000 रु.।
गोयन्ददासीत मेड़तिया।
गोयन्ददासीत मेड़तिया।
38. बांसा-जिला नागौर, कुरब बांह, इकेवड़ी ताजीम, गाँव5, रेख 12512 रु.।
39. नाराणपुरा-जिला नागौर, गाँव 8, कुरब हाथ, ताजीम इकेवड़ी, रेख 15925 रु.। गोयन्ददासीत
मेड़तिया।
मेड़तिया।
40. जौलिया-जिला नागौर, गाँव साढ़े तीन, कुरब बांह, इकेवड़ी ताजीम, रेख 7317 गोयन्ददासोत
मेड़तिया।
मेड़तिया।
41. अभयपुरा-जिला जोधपुर, गाँव पोने सात, कुरब हाथ, ताजीम दोवड़ी,रेख 9889 रु.।
42. मीठड़ी-जिला नागौर, गाँव सवा ग्यारह, मीठड़ी ठिकाने की कुल रेख 33400 रु. में से 15000 रु.
की रेख व ताजीम जब्त कर ली गई थी।
की रेख व ताजीम जब्त कर ली गई थी।
43. खोड़-जिला पाली, गाँव 5, कुरब हाथ, ताजीम इकेवड़ी।
44. फालना-जिला पाली, गाँव साढ़े आठ, कुरत हाथ, इकेवड़ी जागीर, रेख 11600 रु. गोपीनाथोत
मेड़तिया। 45. बोरुन्दा-जिला पाली, कुरब बांह, इकेवड़ी ताजीम, रेख6250 रु.।
मेड़तिया।
46. टांगला-जिला नागौर, कुरब बांह, ताजीम इकेवड़ी,रेख 6500 रु.।
इनके अलावा मारवाड़ में मेड़तियों के अनेकों ताजीमी ठिकाने थे। ठिकानों में प्रमुख लूणवा व नीबोद माधोदासोत के मेड़ास, वीजाथल , चीखरणीयावड़ो, ईडवा, सुरियास, कीतलसर, का नीबी खास, द्वारकादासोत का बछवारी, सनदासोतों के खोड़कास, तामड़ोली, वा,तिलागेस आदि ठिकाने थे। मेड़तिया राठौड़ों का मेवाड़ में प्रसिद्ध ठिकाना था बदनौर। बदनौर-यह ठिकाना वीरवर जयमल मेड़तिया को जागीर में राणा उदयसिंह ने प्रदान किया था। जो उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र मुकुन्ददास एवं उनके वंशजों के अधिकार में रहा। अत: ये अपने को टीकाई भी मानते हैं। मेवाड़ राज्य का यह प्रथम श्रेणी का ठिकाना था। इसकी गिनती मेवाड़ के प्रमुख सौलह उमरावों में थी। इसे हासिल लगान वसूली एवं दीवानी व फौजदारी के उच्च अधिकार प्राप्त थे।
अजमेर मारवाड़ के ठिकाने
मसूदा-जगमाल के अधिकार में मेड़ता था। उसके पुत्र हनुवन्त सिंह को बादशाह अकबर ने ई.1558 में मसूदा ठिकाना मनसब में दिया। उन्होंने मसूदा पंवारों से विजय किया (अजमेर पृ.289) उनके छोटे भाई लालसिंह ने बागसुरी बसाई। उनके बड़े भाई कल्लाजी के वंश में जयपुर में बूढ़ा देवल का ठिकाना था। अजमेरा के ठिकानों में मसूदा आमद में सबसे बड़ा ठिकाना था जिसे ज्यूडिशियल अधिकार प्राप्त थे। मसूदा ताजीमी इस्तमुरार ठिकाना था। मसूदा के राव विजयसिंह बड़े प्रगतिशील शासक थे। इनको विशेष योग्यता के कारण मेयो कॉलेज से सोर्ड ओफ ओनर दिया गया था।
राव विजय सिंह के पुत्र राव नारायण सिंह सन् 1952 के प्रथम चुनाव में अजमेर असेम्बली के सदस्य चुने गये। आप राजस्थान विधान सभा के लम्बे असें तक सदस्य रहे हैं। 15 साल तक राजस्थान मन्त्रीमंडल के विभिन्न पदों पर रहे तथा राजस्थान विधान सभा के उपसभापति भी रहे हैं। राव साहब भारतीय दर्शन के विद्वान और हिन्दी के श्रेष्ठ लेखक हैं। आपकी वेदान्त पर कुछ पुस्तकें भी प्रकाशित हुई हैं।
रानी उर्मिला देवी जी मसूदा राजस्थान समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्षा रह चुकी हैं। आपके बड़े पुत्र इन्द्रजीतसिंह दो बार विदेशों के राजदूत रह चुके हैं।
बाघसुरी-अजमेर मेरवाड़ा का मेड़तियों का दूसरा ताजीमी इस्तमुरार ठिकाना था। मसूदा के हनुवन्तसिंह के छोटे भाई लालसिंह ने जंगल में बाघ और सूअर को लड़ते देखा। सूअर ने बाघ को जिस स्थान पर पछाड़ा था उसी जगह गड़ें बनवाकर गाँव बसाया जिसका नाम बाघसुरी रखा ।
जनरल नाथूसिंह-डुंगरपुर राज्य के ठिकाना गुमानपुरा के निवासी ले. जनरल नाथूसिंह हुतियागी हैं। स्वभाव सेनाके हासमेंआने सशक या वृद्धि की है।
भगवानपुरा के ले. जनरल कल्याणसिंह जालिमसिंहोत मेड़तिया एक सुयोग्य जनरल थे। यह समाज सेवा में भी बड़ी रुचि लेते थे। दमोई के मेड़तिया गोविन्दसिंह ब्रिटिश सेना में अधिकारी थे। प्रथम विश्व युद्ध में साहसिक कार्य के लिए उन्हें विक्टोरिया क्रास सैनिक सेवा का सर्वोच्च पदक मिला था।
मेड़तिया राठौड़ जहाँ मेवाड़ की गौरव गरिमा और स्वतन्त्रता के लिए चित्तौड़ के तृतीय साके में,मारे गए थे उसी प्रकार महाराजा रामसिंह जोधपुर और उनके चाचा राजाधिराज बख्तसिंह के पारस्परिक गृहकलह, मरहठों की मारवाड़ की मेड़ता की लड़ाई आदि में भी काम आये थे। मेड़तियों की अकेली रघुनाथसिंहोत प्रशाखा के ही वीरमारवाड़ के शासकों की ओर से बहुसंख्या में रण में जूझ मरे हैं।
महाराजा रामसिंह के पक्ष में मीठड़ी के ठाकुर सगतसिंह, कुचामन के ठाकुर जालिमसिंह, ठाकुर देवीसिंह पांचौता का ठाकुर, कुंवर चैनसिंह सुद्रासरण वालों का पूर्वज, कुंवर नाहरसिंह इन्द्रसिंघोत मारोठ, बैरीशाल इन्द्रसिंहोत, देवीसिंह शंभुसिंहोत, दुर्जनसिंह शंभूसिंहोत पांचोता,सरगोढ़, आदि रघुनाथसिंह की संतति के कई ठिकानों के ठाकुर और कुंवर मारे गए थे। मेड़तिया राठौड़ों ने देश व धर्म के लिए जब भी आव्हान किया गया अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है। आजादी के बाद इन्होंने लोकतांत्रिक प्रवृतियों में भाग लेते हुए देश व राज्य की सेवा की है। राव नारायणसिंह जी मसूदा व रानी साहिबा उर्मिला देवी के अलावा श्री गोपाल सिंह गोठड़ा , श्री भैरुसिंह बरकाना, श्री कर्नल गोपाल सिंह बदनोर ,श्री विजय सिंह राजपुरा, श्री उम्मेद सिंह खोजाबास (दो बार) व श्री विजेंद्र सिंह बदनोर (दो बार) राजस्थान विधान सभा के सदस्य रहे हैं, तथा प्रांत की शासकीय प्रक्रिया मे जिम्मेदार भागीदारी का निर्वाह किया है।
लेखक - देवी सिंह मंडावा
(क्षत्रिय राजवंशों का इतिहास)
(क्षत्रिय राजवंशों का इतिहास)
बहुतबहुत आभार आभार आपने इतिहास के बारे में बहुत अच्छी जानकारी बताई मेड़तिया के ठिकानों में क्रम संख्या ३७पर भदलियांजिला नागौर के ठिकाने में 4 गांव कौन-कौन से थे यदि आपको इनकी जानकारी हो तो बताने की कष्ट करें घणी खम्मा कम
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