स्थिर,निष्प्रभ,निश्तब्ध दिल पे
गाहे बगाहे दे जाती हो दस्तक
और छेड़ जाती हो हलचलों का
एक अंतहीन सा सिलसिला...
इस कशमकश में बटोरने लगता हूँ
उन हसीन पलों को, जो साक्षी थे
कभी उस सफ़र के जो बसर हुआ
बिना कुछ कहे बिना कुछ सुने
बस यही मुसलसल रिश्ता है
हमारे दरमियाँ निभाने को ,
जो बसर हो रहा है शिद्दत से
एक तन्हा सफ़र की तरह .....
में जिंदा हूँ तो बस, वक़्त बेवक्त की
आहटों ,दस्तकों और धडकनों
के धमाकों से गिरी यादों के पलों
को उठाकर सहेजने को ,क्योंकि
कुछ तो बहाना हो नीरस सा जीवन
व्यतित करने को ... . . . .
"विक्रम"
यही जीवन है ! कुछ पाना कुछ खोना, कुछ छूटना तो कुछ सहेजना और इसी उपक्रम में हमारा जीवन बीत जाता है ।
जवाब देंहटाएंसंजोते रहिये उन हसीन पलों को और पिरोते रहिये शब्दों में ।
मन से निकले उदगार !
जीवन है चलने का नाम,...बहुत बढिया प्रस्तुति,मन की भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति ......
जवाब देंहटाएंWELCOME to--जिन्दगीं--
बहुत सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंइसे ज़िंदगी का एक हिस्सा मानिये ......
जवाब देंहटाएंबेहद ख़ूबसूरत एवं उम्दा रचना! बधाई!
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंजीने के लिए कोई-न -कोई उम्मीद तो चाहिए ही ...सार्थक रचना
जवाब देंहटाएंस्थिर,निष्प्रभ,निश्तब्ध दिल पे
जवाब देंहटाएंगाहे बगाहे दे जाती हो दस्तक
और छेड़ जाती हो हलचलों का
एक अंतहीन सा सिलसिला...
मन को छू गई आपकी ,यह सुन्दर रचना,शुभकामनाये.
vikram7: हाय, टिप्पणी व्यथा बन गई ....
स्थिर,निष्प्रभ,निश्तब्ध दिल पे
जवाब देंहटाएंगाहे बगाहे दे जाती हो दस्तक
और छेड़ जाती हो हलचलों का
एक अंतहीन सा सिलसिला...
मन को छू गई आपकी ,यह सुन्दर रचना,शुभकामनाये.
vikram7: हाय, टिप्पणी व्यथा बन गई ....
बहुत बेहतरीन....
जवाब देंहटाएंयादें कितना कुछ दे जाती हैं जीने के लिए!
जवाब देंहटाएंये हसीं पल ही तो जिंदगी के साथी है.... बहुत ही भावपूर्ण एवं सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजीवन की सटीक परिभाषा।
जवाब देंहटाएंबधाई........
बहुत उम्दा रचना है......यादें ही जीवन की पूंजी होती है ,कुछ खट्टी कुछ मीठी, उन यादों के सहारे ही जीवन की नीरसता से लड़ाई करते हुए आगे बढ़ा जा सकता है.......
जवाब देंहटाएंआपके पोस्ट से बहुत कुछ सीखने औप जानने का मौका मिला । प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे नए पोस्ट "लेखनी को थाम सकी इसलिए लेखन ने मुझे थामा": पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा ।
जवाब देंहटाएंजब बहुत सी हसरतें पूरी हो जाती हैं तब जीवन नीरस हो जाता है. प्रेम को विकसित करने का यही समय होता है. बढ़िया रचना.
जवाब देंहटाएंbahut hi samvedansheel rachana ....badhai rajpoot ji
जवाब देंहटाएंbahut hi samvedansheel rachana ....badhai rajpoot ji
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