शुक्रवार, जनवरी 31, 2014

अंगुलियाँ

कभी  साथ मिलकर
इन अंगुलियों ने
उकेरे थे ढेरों 
कोमल, स्नेहमय,मधुर
और मृदु शब्द ,उन
प्रेम पातियों पर,
हो उल्लसित होकर
लिखी जाती थी
हर दिन हर लम्हा
सिर्फ और सिर्फ
तुम्हारे नाम !

 

आजकल  मुझसे
उन अंगुलियों की
खटपट सी है , वो अब    
लड़ती झगड़ती रहती हैं
हर वक़्त, हर लम्हा
एक दूसरे से ,और
रहती हैं फुदकती
मोबाइल और कम्प्युटर
के कुंजीपटलों पर,
लिखने को अस्पष्ट
और भाव-विहीन  
मुख्तसर से हर्फ़
तुम्हारे नाम !


-विक्रम

बुधवार, जनवरी 01, 2014

सोचता हूँ नेता बन जाऊं !


एक मुहावरा है  "कीड़ा काटना " ये किसी  पुस्तक में है या  नहीं पता हीं  मगर जब कोई इंसान उलटे सीधे  काम करने  की सोचता है तो कहते हैं की उसको "कीड़ा काट"  रहा है।  खैर , में अपने  कीड़े  की बात बताता   हूँ । मुझे   कल ही ख्याल  आया की नेता बन जाऊं । अब ये  आपकी   नजर   में   कीड़ा काटना  हो सकता  है   मगर  मेरा ख्याल  था । नेता बनने  के लिए   लोगों के   वोट बटोरनादूसरा पायदान है ।  पहले पायदान के बारें में मैं निचे लिखूंगा । जहाँ   तक वोट बटोरने  बात है तो फेसबूक, गूगल+ वाहट्सअप्प्स  जैसे  निर्वाचन क्षेत्रों से 3000 दोस्तों का जुगाड़  करके रखा है ।  वैसे तो 3000 से ज्यादा है मगर सभी मेरे बहकावे में आयें ये भी तो जरुरी नहीं ।
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खैर जब नेता बनने का सोच ही लिया तो और वोटों का जुगाड़ भी हो  ही जायेगा । हर नेता को वोटों का  पहलेसे ही जोड़ भाग करके हिसाब रखना जरुरी होता है ।   क्योंकि यही एक पोस्ट है जिसकेलिए  ज्यादा पढ़े  लिखे होने की जरुरत नहीं और ना ही कहीं आपको अपना बायोडाटा भेजनाइंटरव्यू  में उटपटांग  सवालों का सामना करना। मगर ऐसा नहीं की कोई भी ऐरा गैर नाथू खैरा नेता बन सकता है , इसके लिए आप में बहुत कुछ औरों से हटकर होना चाहिए। एक सफल नेता बनने के लिए आप में न्यूनतम योग्यताओं का बेहद जरुरी है ।साथ में कुछ बहुमूल्य सुझाव भी बोनस स्वरूप प्रस्तुत  हैं ।


 १. एक दर्जन कोर्ट केस जिसमे चोरी-डकैती , हत्या, बलात्कार,और पाकेटमारी जैसी उपलब्धियां
    शामिल हों उसे विशेष  प्राथमिकता दी जाती है . 
२. इंसानियत या भलमनसाहत नामक हार्मोन्स  की आपके शरीर में सदैव कमी बनी रहना .
३. शराब और शबाब  आपकी शख्सियत के मुख्य केंद्र बिंदु होने चाहिए .
४.  हमेशा मुर्दे के कफन जैसे रंग वाले सफ़ेद कपडे पहनें , सिर में अन्ना टोपी जरूर लगाये ताकि  कोई
     मुर्दा समझ दफ़न ना करदे
५.  जहाँ भी जाएँ चमचों की फौज साथ में रखें , ये बहुत काम के प्राणी होते हैं, कबीर ने  भी इनकी
      सिफ़ारिश की थी  और कहा था की  "निंदक नियरे राखिये ..."
६. जो भी आपसे से खफा होंऔर लगे  की ये  आपकी दाल नहीं गलने देंगे तो सबसे पहले उन्हे पटाकर
     रखें,क्योंकि दुश्मनी जैसी आदत ना पालें।  क्योंकि ह्त्या जैसे केस मे  पकड़े जाने पर आपकी लुटिया
      जल्दी डूबने का डर बना रहता है ।  
७. नेता बनने से  पहले आपको तेल मालिश ,घूसखोरी ,दल-बदलूझूठे- वायदेफिजूल खर्ची  में चार
    साल  का  स्नातकोत्तर  पाठ्यक्रम पूर्ण करना अनिवार्य है ।

इन सबके अलावा भी हजारों खास ऐसे गुण  आप में   होने चाहिए  अगर आप के उच्च दर्जे के नेता बनने का शौक रखते हैं तो । खैर एक बार शुरुवात करेंगे तो ये गुण आप में  समय के साथ अपने आप आ जायेंगे । आप अपना करियर पहले एक  टपोरी और बादमें एक छुट या नेता के तौर पे शुरू कर सकते है। वैसे भी आजकल काफी युवा  इस "धंधे" की तरफ खिचे चले आ रहे हैं। इसका हालिया उदाहरण "आप" पार्टी वाले हैं ।  लेकिन आज इस व्यवसाय पर 80% खूसट बुड्ढे सांप की तरह कुंडली मारके बैठे हैं जो युवाओं को जगह नहीं दे रहे हैं 

लेकिन फिर भी आप परेशान  ना हों , क्योंकि   नेता   का   पहला   उसूल है की खुद कभी  परेशान ना ह हमेशा औरों को बराबर उंगली करके परेशान करे। वैसे नेता का कार्यकाल निश्चित नहीं है ,मगरकमाई के मामले में एक दो साल में ही करोडपती से अरबपती तक बना जा  सकता है | हाल ही के उदाहरण मेरे इसविचार की पुष्टि करते हैं ।  खैर जाने दीजिये बहुत हो गया , अब मतलब की बात पे आता  हूँ  " अपना अमूल्य वोट मुझे ही  दीजिये "
-विक्रम
    





   


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