हमारी कंपनी मे एम.डी (MD) जापानी होता है , क्योंकि इंडिया और जापान की दो कंपनियाँ इसमे शामिल है । कोंट्रेक्ट के मुताबिक एम.डी तीन साल रहता है फिर दूसरा एम.डी आता है । एक बार एक एम.डी आया तो उसने देखा की हम लोग जो कमिट्मन्ट (प्रतिबद्धता ) करते उसे ये कहकर करते की ,"सर , बस पाँच मिनिट में कर देंगे , सर बस दो मिनिट में, आदि आदि। जैसा की ये दो मिनिट , पाँच मिनिट हमारा तकिया कलाम होता है उसे जापानी सच मान लेते और जैसे ही दो मिनिट या पाँच मिनिट होता वो स्टेट्स पूछने
लगता:)।
उसके बाद तो वो जैसे ही कोई दो या पाँच मिनिट बोलता तो वो झट से पूछता ,"इंडियन फाइव मिनिट ऑर जापानीज फाइव मिनिट ?"
लगता:)।
उसके बाद तो वो जैसे ही कोई दो या पाँच मिनिट बोलता तो वो झट से पूछता ,"इंडियन फाइव मिनिट ऑर जापानीज फाइव मिनिट ?"
फिर तो वो बात बात पे इंडिया को लेकर मज़ाक बनाने लगा । दो साल बीत जाने पे जब जापान से उसका "360 डिग्री फीडबैक फॉर्म" हमें मिला तो हम लोगों ने उसे काफी नेगेटिव मार्क्स दिये। उसके बाद जापान से उसे हमारे फीडबैक का फीडबैक मिला तो उसकी हालत खराब हो गई ।
उसने हमारी मीटिंग बुलाई और उसका कारण पूछा , हम “देशभक्तों” ने उसे बता दिया की हम अपने देश के बारे मे कोई भी नेगेटिव टिप्पणी सहन नहीं कर सकते। उसके बाद उसने तौबा कर ली और कभी वैसा कॉमेंट नहीं किया। खैर जो भी हो , हमे भी अपनी आदत सुधारने का मौका मिला और उसके बाद हम सही समयावधि का वादा करने लगे।
हम देशभक्त :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ।
अपनी आदत में सुधार आना जरूरी है ... जो आ गयी .. जहाँ तक जापानी की बात है उसे ऐसा कमेन्ट नहीं करना चाहिए था ... वो भी भारत में ...
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