ब्लॉग का नाम मैने अपने गाँव (गुगलवा-किरताण ) के नाम पे रखा है ,जो सरकार की मेहरबानी से काफी पिछड़ा हुआ गाँव हैं |आज़ादी के इतने बरसों बाद भी बिजली,पानी ,डाकघर , अस्पताल जैसी सुविधाएँ भी पूर्णरूप से मय्यसर नहीं हैं. गाँव के सुख दुःख को इधर से उधर ले जाता हूँ , ताकि नेता को दया आ जाये | वैसे नेता लोगों से उम्मीद कम ही है इसलिए मैने अपने गाँव (Guglwa) का नाम Google से मिलत जुलता रखा है , ताकि Google की किस्मत की तरह Googlwa की किस्मत भी चमक जाये
शनिवार, जुलाई 23, 2016
मंगलवार, जुलाई 19, 2016
हाइकु
वोट मांगते
खींसे निपोरकरनिर्लज नेता
हवाई किले
पंचवर्षीय नीतिखट्टे अंगूर
भूखी जनता
सरकारी अमलाऐशों-आराम
सुरसा मुँह
गरीबी उन्मूलनअसाध्य रोग
“विक्रम”
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नुकीले शब्द
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