बेहिसाब यादें है उन बीते लम्हो की,
एक भुलाने निकलूं तो, सौ जहन मेँ आती है.
एक भुलाने निकलूं तो, सौ जहन मेँ आती है.
एक झलक देख लें तुझको तो चले जाएंगे
कौन आया है यहाँ उम्र बिताने के लिए
कौन आया है यहाँ उम्र बिताने के लिए
हिचकयों को न भेजो अपना मुखबिर बना के
हमें और भी काम हैं तुम्हें याद करने के सिवा
हमें और भी काम हैं तुम्हें याद करने के सिवा
मिल-मिल के बिछड़ गई.
ऐ जिंदगी, तेरी सारी खुशियाँ बड़ी जल्दी में थी
ऐ जिंदगी, तेरी सारी खुशियाँ बड़ी जल्दी में थी
तेरी तलब में रहता है आसमां पे दिमाग
तुझको पा गये होते तो जाने कहाँ होते
तुझको पा गये होते तो जाने कहाँ होते
इक अजीब सी बेताबी है तेरे बिन
रह भी लेते हैं और रहा भी नहीं जाता
रह भी लेते हैं और रहा भी नहीं जाता
कोई पूछता है मुझसे मेरी ज़िन्दगी कि कीमत.
मुझे याद आता है तेरा हलके से मुस्कराना.मोहब्बत के अंदाज़ भी होते हैं जुदा जुदा.
किसी ने टूट के चाहा कोई चाह के टूट गया.
किसी ने टूट के चाहा कोई चाह के टूट गया.
उस शख्स को बिछड़ने का सलीका भी नहीं आता
जाते जाते खुद को मेरे पास छोड़ गया
जाते जाते खुद को मेरे पास छोड़ गया
एक पल भी जो सोचूं तुम्हे भूलने कि मैं.
मेरी सांसें मेरी तकदीर से उलझने लगती हैं
मेरी सांसें मेरी तकदीर से उलझने लगती हैं
मैं उसको भूल जाऊं कैसी बातें करते हो.
सूरत तो फिर भी सूरत वो नाम भी अच्छा लगता है
सूरत तो फिर भी सूरत वो नाम भी अच्छा लगता है
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल,
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है .
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है .
तू छोड़ गयी तुझसे क्या खफा होना
खुदा ने ही लिखा था जुदा होना
खुदा ने ही लिखा था जुदा होना
तुझे खो कर, पाने के लिए लिखता हूं
आज भी तुझे, भूल जाने के लिए लिखता हूँ
आज भी तुझे, भूल जाने के लिए लिखता हूँ
उसका मिलना तक़दीर में ही नही था,
वरना…मैंने क्या कुछ नही खोया, उसे पाने के लिए
वरना…मैंने क्या कुछ नही खोया, उसे पाने के लिए
इसमें कोई शक नही, तुम ख्यालों में हो।
पर तेरा मेरा मिलना, अब भी सवालों में है॥
पर तेरा मेरा मिलना, अब भी सवालों में है॥
मुदत बाद मिले हम और उसने कहा ” तुझे भुल जाना चाहती हूँ मैं…. ”
आँसू आ गए आखों में ये सोच कर कि इसे अब तक याद हुं मैं
आँसू आ गए आखों में ये सोच कर कि इसे अब तक याद हुं मैं
ऐ जिंदगी तू सच में बहुत ख़ूबसूरत है,
फिर भी तू, उसके बिना अच्छी नहीं लगती
फिर भी तू, उसके बिना अच्छी नहीं लगती
ढूंढ़ने में बड़ा मजा आता है…
दिल में बसा कोई अपना जब खो जाता है….
दिल में बसा कोई अपना जब खो जाता है….
जहाँ भूली हुई यादें दामन थाम लें दिल का,
वहां से अजनबी बन कर गुज़र जाना ही अच्छा है.
वहां से अजनबी बन कर गुज़र जाना ही अच्छा है.
बात मुकद्दर पे आकर रूक गयी है वरना….
कोई कसर तो ना छोडी थी तुझे चाहने मे
कोई कसर तो ना छोडी थी तुझे चाहने मे
यूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिन…
ना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक बन बैठे
ना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक बन बैठे
अजीब खेल है ये मुहब्बत का;
किसी को हम न मिले, कोई हमें ना मिला
किसी को हम न मिले, कोई हमें ना मिला
सौ बार कहा दिल से चल भूल भी जा उसको,
सौ बार कहा दिल ने तुम दिल से नहीं कहते
सौ बार कहा दिल ने तुम दिल से नहीं कहते
तुम जिंदगी की वो कमी हो
जो जिंदगी भर रहेगी
जो जिंदगी भर रहेगी
आ कुछ लिख दूं तेरे बारे में
मुझे पता है तू रोज ढूंढती हैं खुद को मेरे शब्दों मे
मुझे पता है तू रोज ढूंढती हैं खुद को मेरे शब्दों मे
तुझे पा नहीं सकते तो सारी ज़िन्दगी तुझे प्यार करेगें…….
ये ज़रूरी तो नहीं जो मिल न सकें उसे छोड़ दिया जाये
ये ज़रूरी तो नहीं जो मिल न सकें उसे छोड़ दिया जाये
खुदा ने जान बुझ के नहीं लिखा उसे मेरी किस्मत में….
के सारे जहाँ की खुशियाँ एक ही शख्स को कैसे दे दूँ
के सारे जहाँ की खुशियाँ एक ही शख्स को कैसे दे दूँ
जो भी बिछड़े हैं कब मिले हैं फ़राज़
फ़िर भी तू इंतज़ार कर शायद
तो ये तय है के अब उम्र भर नहीं मिलना
तो फिर ये उम्र ही क्यूँ गर तुझसे नहीं मिलना
तो फिर ये उम्र ही क्यूँ गर तुझसे नहीं मिलना
थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे
अब वहां यादों का बिखरा हुआ मलबा ही तो है
जिस जगह इश्क़ ने बुनियाद ऐ मकाँ रखी थी
जिस जगह इश्क़ ने बुनियाद ऐ मकाँ रखी थी
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
बिखरा वजूद , टूटे ख्वाब , सुलगती तनहाइयाँ .
कितने हँसीं तोहफे दे जाती है अधूरी मोहब्बत .
कितने हँसीं तोहफे दे जाती है अधूरी मोहब्बत .
ज़िन्दगी तनहा सफ़र की रात है
अपने अपने हौसले की बात है
अपने अपने हौसले की बात है
मैं तेरी याद में उलझा मुक़दमे की तरहा
मगर तू मुझसे दूर रहा फैसलों की तरहा.
मगर तू मुझसे दूर रहा फैसलों की तरहा.
चलो अब ज़ख्म गिनते हैं
तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे
मुद्दतें गुजरी तेरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं
"जिस घड़ी चाहे उलझ जायें ख्यालों से मेरे.
इतनी हिम्मत तेरी यादों के सिवा किस की है"
इतनी हिम्मत तेरी यादों के सिवा किस की है"
फरियाद कररही हैं तरसती हुई निगाहें
देखे हुए किसी को बहुत दिन गुज़र गए.
देखे हुए किसी को बहुत दिन गुज़र गए.
तुझ से अब कोई वास्ता नहीं है लेकिन,
तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तनहा गुज़रता है.
तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तनहा गुज़रता है.
वाह ... उम्दा शरों का संकलन है ... बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएं